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1. भारत में कितने राष्ट्रीय राजनीतिक दल है ?
भारत में वर्तमान मे 2019 के आकड़ों के अनुसार कुल छह राष्ट्रीय दल है –
- भारतीय जनता पार्टी
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- बहुजन समाज पार्टी
- राष्ट्रवादी कॉंग्रेस पार्टी
- मार्कवादी कम्युनिस्ट पार्टी
- भारतीय कॉम्युनिस्ट पार्टी
2. सत्ता मे भागीदारी कीआवश्यकता क्या है?
सत्ता मे भागीदारी की आवश्यकता लोकतंत्र के सफल संचालन मे सहायक है। सता में भागीदारी लोकतंत्र को दृढ़ता प्रदान करता है। और विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता विभाजन कर के आपसी टकराव को भी कम किया जाता है।
3. संघ राज्य का क्या अर्थ है?
संघ राज्य का अर्थ सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण है। इस तरह के राज्य के लिए पूरे देश की सरकार , केन्द्रीय सरकार होती है। तथा राज्य या प्रांतों के लिए अलग-अलग होती है। केंद्र और राज्य के बीच संविधान मे सत्ता का स्पष्ट बटवारा रहता है। राज्यों के नीचे भी सत्ता के साझेदार रहते है। जिनदे स्थानीय स्वशासन कहा जाता है। सत्ता के इसी बटवारे को संघ राज्य या संघवाद कहते है।
4. संघीय शासन की दो विशेषताएं बताईए ।
- संघीय शासन में दोहरी शासन होती है। केन्द्रीय स्तर की सरकार जिसके अधिकार क्षेत्र राष्ट्रीय महत्व के विषय होते है और दूसरे स्तर पर प्रांतीय या राज्य स्तरीय सरकारें होती है, जिसके अंतर्गत गौण विषय होते है।
- प्रत्येक स्तर के सरकारें अपने-अपने अधिकारों के उपयोग के लिए स्वतंत्र होती है । लेकिन उन्हे अपने कार्यों के प्रति जवाबदेह होना पड़ता है। दोनों में मनमुटाव की स्थिति आती है, तो केंद्र का निर्माण ही मान्य होता है।
5. सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र मे क्या महत्व रखती है?
सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र मे बहुत अधिक महत्व रखती है। इसी के चलते कोई किसी को दबाकर नहीं रख सकता ,है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही एकमात्र ऐसी व्यवस्था है, जिसमें ताकत सभी के हाथों मे होती है। सभी को राजनैतिक शक्तियों मे हिस्सेदारी या साझेदारी करने की व्यवस्था रहती है। इसका महत्व इस बात में है की किसी को असंतोष व्यक्त करने की आवश्यकता ही नहीं ओड़ती है। यदि बहुमत आपके साथ है त इसका अर्थ की सभी आपसे संतुष्ट है। यदि किसी को केंद्र में मौका नहीं मिलता है तो वह राज्य के शासन में साझेदारी कर सकता है। यदि वह इसमे भी सफल नहीं हो पाता है तो वह स्थानीय निकायों में अपना भाग्य आजमाता है। यदि उसे वहाँ भी जीत नहीं मिलती है तो इसका अर्थ है की जनता उसे इस लायक ही नहीं समझती है।
6. सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या है?
सत्ता मे साझेदारी के अलग-अलग तरीके निम्नलिखित है:-
- केन्द्रीय शासन
- राज्य शासन
- स्थानीय स्वशासन
1. केन्द्रीय शासन – केन्द्रीय शासन के अंतर्गत पूरे का शासन रहता है और और इसे अधिक अधिकार प्राप्त है।
2. राज्य शासन – राज्य शासन में राज्य की सरकारें अपने-अपने राज्यों का कार्य देखती है। इन्हे अपेक्षाकृत कम अधिकार प्राप्त होते है।
3. स्थानीय स्वशासन –स्थानीय शासन में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति , जिला परिषद , नगर परिषद, या नगर पालिका और नगर निगम होते है। ये संस्थाये स्थानीय कार्यों की जिम्मेदारी उठती है। ग्राम पंचायतों को अधिक अधिकार प्राप्त है।
7. सत्ता विभाजन के पक्ष मे और विपक्ष में दो तर्क दीजिए ।
सत्ता विभाजन के पक्ष मे दो तर्क निम्नलिखित है:-
- सत्ता विभाजन विभिन्न भाषा एवं धर्म के लोगों को सत्ता मे भागीदारी करती है।
- विभिन्न समुदायों के बीच टकराव नहीं होने देती है।
सत्ता विभाजन के विपक्ष में दो तर्क निम्नलिखित है;-
- फैसले लेने में देरी होती है।
- देश की एकता कमजोर करती है।
8. लोकतांत्रिक व्यवस्था और तानाशाही में क्या अंतर है?
लोकतांत्रिक व्यवस्था में देश के सभी लोगों को शासन में अधिकार रहता है। और संप्रभुता जनता में निहित होती है। ठीक इसके विपरीत तानाशाही मे पूरा शासन का अधिकार किसी एक व्यक्ति या एक समाज के पास होता है। तथा संप्रभुता पर वही हवी रहता है।
अवश्य पढ़े कक्षा 10 अध्याय 1 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी